swapna navodaya

This is my first poem that I penned in 11th std. It was like a home work so I decided to write on my Alma Mater. So it dedicated to "JNV Mau".
!!स्वप्न नवोदय !!

सपना
देखा लाल,लाल का, सशक्त नेता भारत राष्ट्र का
जो प्रतिभा नही रजवाड़ों में वो धूमिल पड़ी है गावों में !!
फिर भू से मिला स्वप्न नवोदय,
उत्थान था मेरा, तुम्हारा, हम सबका,
निश्छल  ज्ञान  के इस मंदिर में '
परिलक्षित होता अरमां दिल का !!
नव स्फूर्ति लिए ,दृढ़ संकल्पित हम मानवता के योगी,
हम ही होंगे कृष्ण-राम ,जनगन-अधिनायक,
बनेंगे पंडित-ज्ञानी,नहीं बनेंगे अभिमानी ,
खरे होंगे प्रयोग हमारे,हम ही होंगे कल के खोजी !!
नवोदय जन्मभूमि भविष्य का,संवारेगा भारत महान,
प्रेम,बंधुत्व,प्रवीनता के आगे झुक जाएगा आसमान,
रघुकुल,रीति-निति होगी,
बिन जंग नतमस्तक होगा सारा जहाँ !!
सत्य के बाण से ,सत्संग के वार से ,पवित्रता के तप से,
कूच कर जाएगा अत्याचार-ब्याभिचार-भ्रष्टाचार ,
बन्दूक नहीं,तोप नहीं,शिष्टाचार होगा अपना हथियार,
गूँजेगा नवोदय शिक्षा-शिक्षक का जय-जयकार !!
लेकर गुरु-तात-मात का आशीर्वाद
करेंगे राष्ट्र-भक्त का सपना साकार !!

      Praveen Kumar "POO"







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